स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ बोली मुस्काती मैया, ललन को बताया,काली अँधेरी आधी https://hindubhajan.in/durga-puja/