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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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तन्हाई में जब दर्द सबसे गहराई से महसूस होता है, तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ, तन्हाई में बैठूं तो इल्ज़ाम-ए-मुहब्बत। जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के https://youtu.be/Lug0ffByUck

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