चाहे राधा हो या हो मीरा, सबके हिस्से में आई ये तन्हाई। मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं, मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें, वो महफ़िल में तन्हा-तन्हा चिल्ला रहे थे। Urdu language is crammed with countless thoughts and insights. Just like this couplet of https://youtu.be/Lug0ffByUck